The smart Trick of प्रेरक प्रसंग That No One is Discussing

“मैंने आपको चोट पहुंचाने के बाद, आपने रेत में लिखा और अब, आप एक पत्थर पर लिखते हैं, क्यों?”

उनके पीए कैलाश बाबू ने कहा, "जी,इसमें कूलर लगा दिया गया है।" शास्त्री जी ने एक नजर उन्हें देखा और आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा," कूलर लग गया है? बिना मुझे बताए?..आप लोग कोई काम करने से पहले मुझसे पूछते क्यों नहीं? क्या और सारे लोग जो गाड़ी में चल रहे हैं, उन्हें गर्मी नहीं लगती होगी?" शास्त्री जी ने कहा," कायदा तो यह है कि मुझे भी थर्ड क्लास में चलना चाहिए, लेकिन उतना तो नहीं हो सकता पर जितना हो सकता है, उतना तो करना चाहिए ।"उन्होंने आगे कहा,"बड़ा गलत काम हुआ है, गाड़ी आगे जहाँ भी रुके, पहले कूलर निकलवाइए.

वह व्यक्ति नाटक देखने के लिए वहीँ बैठ गया व देखते ही देखते वह राजमहल जाकर धन लाने की बात को भूल गया। जब नाटक समाप्त हुआ तब उसे धन वाली बात याद आयी और वह दौड़ते भागते राजमहल के पास पंहुचा अफसोस दिया हुआ समय निकल चूका था सूर्य अस्त हो चुकी थी। 

अपने जीवन में फ़ालतू चीज़ों को महत्व न दें केवल अच्छी चीज़ों को महत्त्व देना सीखें।

कोम ने गरीबी और लैंगिक भेदभाव जैसी कई चुनौतियों का सामना करते हुए यह मुकाम हासिल किया।

“इस छोटे हरे खाने के बजाय, मुझे बड़े हिरण को खाना चाहिए।”

तेनालीराम की चित्रकारी – तेनालीराम की कहानी

फिर मै तुम्हें जीवन के अत्यंत रहस्यों में से कुछ मोती चुन कर देता, फिर मै तुम्हें बताता की जीवन क्या है. जीवन का अर्थ व मतलब क्या है।क्योंकि जब तुम किसी की अच्छाइयों को छोड़कर उसके बुराइयों पर ध्यान देते हो या उसके विषय में चिंतन करते हो, तो जाने अनजाने ही सहीं परन्तु उन बुराइयों के कुछ हिस्से को अपने अंदर उतार लेते हो। 

“मुझे लगता है कि यह किसी भी अन्य घोंसले की तरह है, लेकिन मेरी तुलना में बेहतर नहीं है”, कछुआ ने कहा। “तुम्हें मेरे खोल से ईर्ष्या होनी चाहिए, हालांकि।”

गाँधी जी की बात सुनकर आनंद स्वामी को अपनी गलती का अहसास हुआ. उन्होंने उस आम आदमी से इस बात को लेकर माफ़ी मांगी.

गुरूजी ने जवाब दिया की दुःख तो मुझे भी बहुत हुआ है शिष्य तुम्हारे इस सवाल से काश इन सवालों के जगह पर तुम ये पूछते – गुरूजी, चाँद में इतनी चांदनी क्यों है ? और दीपक में इतनी रोशनी क्यों है ? 

“After i was forty yrs aged, my wife died of a exceptional liver disease. She was 34. At some time, we had a ten-year-previous daughter and I was the co-operator of the silkscreen organization in San Francisco. Just after her Demise, I spotted there was something even larger I needed to do in my here existence, but had no clue what. So, I sold my 50 percent with the business to my spouse and waited for direction to be aware of what to complete next. My spouse experienced a terrific humorousness and, Whilst there have been plenty of tears in the course of the a few several years of her terminal illness, there was a lot of laughter.

अब दोनों के बीच वाद-विवाद शुरू हो गया हंस कहता मेरी पत्नी है और उल्लू कहता मेरी पत्नी है। खबर सब तरफ आग कि तरह फैल गयी और आस पास के पक्षीगण एकत्रित हो गए। कई गांव की जनता बैठी, पंचायत बुलाई गयी, सब पंचलोग उपस्थित हुए। 

और बोला मै आ गया हूँ आप बताइये की आपके लिए क्या करूं, व्यक्ति की इस बात में अहंकार झलक रही थी। 

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